अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए आपकों अपने काम में निरंतरता और अभ्यास दोनों की जरूरत पड़ती है
हर सुबह हमारे पास दो विकल्प होते हैं,पहला सोते रहे अपने सपनों के साथ, या उस सपनों को पूरा करने के लिए जल्दी उठ कर मेहनत करें।
लकीरें तो सबके हाथों में होती हैं, मगर तकदीर उसी की बदलती हैं, जो मेहनत करता हैं।
किसी इंसान का चेहरा झूठ बोल सकती हैं, जुबान झूठ बोल सकती है, मगर किसी की आँखे झूठ नहीं बोल सकती।
जो इंसान अपने अधिकारों के लिए कभी लड़ता या खड़ा नहीं होता, उस इंसान को ये समाज "भला " इंसान का टैग दे देती हैं।
अभिमान और सम्मान में फर्क, बस इतना हैं की अभिमान खुद के किए काम से आता है, और सम्मान तब मिलता हैं ,जब दुनिया वालों को लगता है की आपने कुछ किया है
किसी के भावनाओं का सम्मान करना ही अच्छे इंसान होने की परिभाषा है।
उम्मीद क्या है? कल सुबह हम जिंदा रहेंगे की नहीं बिना इस आश्वासन के हम, कल सुबह जगने के लिए रोज रात को अलार्म लगाते हैं I
सम्मान चाहिए, तो पहले देना सीखिए
सामने वाला बुरा या भला नहीं होता, बस हम उनसे उम्मीद ज्यादा रख लेते हैं।