इंसान बोलने की कला सीखने में दो साल लगाता है I परंतु कब और क्या बोलना चाहिए ये जिंदगी भर नहीं सीख पाता।
अपना समय दूसरों को नीचा दिखाने में नहीं, बल्कि खुद को ऊँचा उठाने में लगाए ।
जीवन मे सफल होने के लिए इंसान को बेहरा होना पड़ता हैं, क्योंकि अधिकतर लोगों की बातें मनोबल गिराने वाली होती हैं I
आलसी व्यक्तियों का वर्तमान और भविष्य दोनों अंधकार में होता है I
चार इन्सानों के सामने की गई आलोचना, अपमान में बदल जाती हैं I परंतु एकांत में बताने पर सलाह बन जाती हैं I
स्वस्थ रहना ही सबसे बड़ा धन होता है।
अपमान करने वाला अपने आप को महान और दूसरों को हमेशा मुर्ख समझता हैं।
कभी भी एक औरत को कमजोर समझ कर उसका अपमान मत करना, क्योंकि वो दो घरों के इज्जत को सम्भाल कर चलती हैं।
तुम पर्दा रखों या ना रखों बात इज्जत करने की होती हैं वर्ना गाली तो लोग पर्दे के पीछे भी देते हैं।