हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन सहित| Hindi varnmala
हिंदी वर्णमाला
हैलो दोस्तों आज हम आपकों अपने वेबसाइट www.hindiji.net में हिंदी वर्णमाला के बारे में बताएंगे जिन्हें आपकों अपने आने वाले समय में या कोई भी एग्जाम में मदद मिलेगी।
और इनको पढ़ते समय मुँह का प्रयोग करें मन के अंदर न पढ़े क्योंकि जब आप इसको पढ़ेंगे तो आपकों और अच्छे से समझ आएगा।
वर्णो के समुदाय को ही वर्णमाला कहते है ।
जिस तरीके से एक माला में व्यवस्थित क्रम में मोतियों की संख्या होती है उसी तरीके से व्यवस्थित क्रम का मतलब होता है की (क) के बाद (ख) आयेगा।
जैसे-क ख ग घ ङ आदि ।
हिंदी वर्णमाला में अगर आपकों इसकी संख्या पूछे तो इनकी संख्या 52 वर्ण होते है।
हिंदी वर्णमाला को कितने भागों में बाटा गया है?
अगर इनके प्रकारों की बात करे तो इन्हें 2 भागों में बाटा गया है।
1. स्वर (vowels)
2. व्यंजन (consonant)
अब हम पढेंगे की स्वर कितने प्रकार के होते है।
स्वर 11 तरह के होते है।
अब आप सोचेंगे की हमने तो 13 पढ़े है।
नही 13 तो पढ़े होंगे आपने अ से अ: तक परंतु मात्रा के हिसाब से ये 11 ही होते है।
मतलब उच्चारण में ये 13 होते है और मात्रा में 11 ही होते है।
स्वर क्या होता है?
स्वर वो होते है जो स्वतंत्र रुप से बोलें जाते है जिन्हें किसी की आवश्यकता ही न पड़े।
अथवा
जहा पर बोलतें समय यानी उच्चारण करते समय किसी अन्य की सहयता ना लेनी पड़े उसे हम स्वर कहते है।
हमने आपकों यहा पर स्वर को सरल भाषा में बताने की कोशिश की है आप इसके परिभाषा को किताब से पढ सकते है।
और स्वर की संख्या 11 होती है जैसे-
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ
होते है।
स्वर तीन तरह के होते है।
1. ह्रस्व स्वर- अ, इ, उ, ऋ
ह्रस्व स्वर वो होता है जहा हम बोलते समय कम दम लगाये अथवा जिन्हें धीमी गति से दम लगाये जैसे- अ, इ, उ, ऋ ।
2. दीर्घ स्वर – दीर्घ स्वर में ह्र्स्व स्वर से बोलते समय ज्यादा गति का दम लगता है।
जैसे – आ, ई, ऊ, ए ऐ, ओ, औ ।
3. प्लुत स्वर- प्लुत स्वर में बोलते समय सबसे अधिक गति का दम लगता है ।
जैसे- ओउम, राडम ।
ओउम को हम बहुत देर तक बोलते है ।
व्यंजन
व्यंजन वो होते है जिन को बोलते समय स्वरों की सहायता चाहिये होती है।
मतलब ऊपर हमने आपको बताया की स्वरो को बोलने के लिये किसी की जरुरत नही पड़ती।
मगर यहा व्यंजन को बोलते समय स्वरों की जरुरत पड़ती है वो व्यंजन कहलाते है।
व्यंजन के 33 संख्या होती हैं ।
हिंदी में स्पर्श व्यंजन की संख्या कितनी होती है?
हिंदी में स्पर्श व्यंजन की संख्या 25 होती है।
क, ख, ग, घ, ड•
च, छ, ज, झ, ञ
ट, ठ, ड, ढ, ण
त, थ, द, ध, न
प, फ, ब, भ, म
उच्चारण के आधार पर व्यंजन –
कंठ व्यंजन- क, ख, ग, घ, ड•
तालव्य व्यंजन- च, छ, ज, झ, ञ, श, य
व्यंजन- ट, ठ, ड, ढ, ण, ष
दंत व्यंजन- त, थ, द, ध, न
ओस्ठ्य व्यंजन- प, फ, ब, भ, म
अंतस्थ व्यंजनों की संख्या कितने होते है- 4
य, र, ल, व
ऊषम व्यंजनों की संख्या कितने होते है- 4
श, ष, स, ह
सयुक्त व्यंजनों की संख्या कितने होते है- 4
क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
संयुक्त व्यंजन वर्णों से मिलकर बनते हैं जैसे-
क् + ष = क्ष
ज् + यं = ज्ञ
त् + र = त्र
श् + र = श्र
आगत व्यंजनों की संख्या कितनी होती है?
आगत व्यंजनों की संख्या 2 होतीं हैं ।
जैसे -ज, फ
अर्धस्वर किसे कहते है?
अर्धस्वर य, व को बोलते हैं।
लुंठित या प्रकम्पित व्यंजन किसे कहते हैं ?
लुंठित या प्रकम्पित व्यंजन होता है- र
पाश्रिवक व्यंजन किसे कहते हैं
पाश्रिवक व्यंजन होता हैं- ल
नासिक्य व्यंजन किसे कहते हैं?
ड•, ञ, ण, न, म
स्वर्यानत्रिय व्यंजन – ह
वह छोटी सी छोटी क्या है जो आपके शब्द या वाक्य में प्रयोग होता है?
वह ध्वनि है।
ध्वनि से बड़ा वर्ण है।
आयोगवाह वर्ण कौन से होते है ,और कितने होते है?
अं, अ:
अनुस्वार- अं (•)
विसर्ग- अ: ।
अनुस्वार- स्वर के बाद बोला जाने वाला ह्ल्ंत (•) अर्ध ध्वनि अनुस्वार कहलाता हैं ।
जैसे- कंठ, छंद ।
विसर्ग- महाप्राण सूचक एक स्वर है।
जैसे- प्रात:, अत: ।
संवृत और विवृत स्वर ।
संवृत स्वर- जिसका उच्चारण करते समय मुँह ka द्वार पूरा ना खुला हुआ हो ।
ये संख्या में 4 होते हैं- इ ,ई ,उ ,ऊ
अर्द्ध संवृत स्वर
जिन स्वर को बोलते समय मुँह थोड़ा खुल जाए।
इनकी संख्या 2 होती है जैसे- ए, ओ
विवृत स्वर
जिन स्वर को बोलते समय पूरा मुँह खुल जाए उन्हें विवृत स्वर बोलते हैं I
जैसे – आ, ऑ
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धन्यवाद