आप अपना भविष्य बीते हुए कल या भविष्य में जाकर ठीक नहीं कर सकते, मगर आप वर्तमान में रह कर, अपना भविष्य को सुधार सकते हैं।
"अपना" शब्द तब तक ही हैं, जब तक जेब में पैसों की गर्मी हैं।
रिश्तों की पहचान, दिए गए सम्मान से होती हैं, आपके पैसों के रोब से नहीं।
अपनों के बीच, अगर आपकों नजरअंदाज किया जाए, तो इससे बड़ा अपमान कहीं नहीं होगा।
सबका सत्कार करना हमारे संस्कार में होता हैं, परंतु किसी की बेज्जती करना हमारा निजी मामला होता हैं।
काम करने में कोई अपमान नहीं है , परंतु काम ना करने में अपमान हैं शब्दों पर ग़ौर फरमाएं।
जो व्यक्ति आपका सम्मान ना करें, वो भी आपके सम्मान का पात्र नहीं है I इसे आपका अंहकार नहीं कहेंगे, इसे आपका आत्म- सम्मान कहेंगे।
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