आदमी परिवार के लिए रोटी कमाता हैं, मगर परिवार वालों के साथ बैठकर खा नहीं पाता।
कमाई गई धन का फल आपको मिले या न मिले, मगर जिंदगी में किए कर्म का फल, आपकों भुगतना ही पड़ता है।
तुम सिर्फ अपने माँ-बाप से उम्मीद कर सकते हो, बाकी तो, लोग तुमसे ही उम्मीद लगाए रखेंगे।
हर सुबह, एक नई किरण, अपने साथ, एक नई उम्मीद लेकर आती हैं।
ज्ञानी वो नहीं, जो हर जगह बोलना जानता हो ,असली ज्ञानी वो हैं, जिसको पता हैं, कहां बोलना चाहिए कहां चुप रहना चाहिए।
दूसरों को खुश रखने के चक्कर में , देखना कहीं, तुम्हारें ही तुमसे नाराज होकर ना बैठ जाए।
धोखा इंसान देता है, और आरोप, हम अपनी किस्मत पर लगा देते हैं।
आप अपना भविष्य बीते हुए कल या भविष्य में जाकर ठीक नहीं कर सकते, मगर आप वर्तमान में रह कर, अपना भविष्य को सुधार सकते हैं।
"अपना" शब्द तब तक ही हैं, जब तक जेब में पैसों की गर्मी हैं।
प्यार अंधा नहीं, बेरोजगार होता है, जेब खाली दिखने पर छोड दिया जाता है I