जब आपके अपने ही आपका अपमान करते हों, तो किसी बाहर वाले से क्या उम्मीद करेंगे।
किसी की बात को सुनकर, अनसुना कर देना, उसके अपमान के समान है।
अपनों के बीच, अगर आपकों नजरअंदाज किया जाए, तो इससे बड़ा अपमान कहीं नहीं होगा।
मुसीबत में आपसे कोई सलाह मांगे तो सलाह के साथ, उसे अपना सहयोग भी दे एक बार के लिए सलाह गलत हो सकता हैं, मगर आपका दिया हुआ साथ नहीं।
सबका सत्कार करना हमारे संस्कार में होता हैं, परंतु किसी की बेज्जती करना हमारा निजी मामला होता हैं।
आजादी की खुशी,ऐसे बयान किया जाए, जो वीरगति को प्राप्त हुए,उनको याद किया जाए।
व्यवहार- ज्ञान से अच्छा कार्य करता हैं ज्ञान कठिन समय में हार सकता है मगर व्यवहार उस हार को जीतने की संभावना में बदल सकता है ।
जिंदगी की रेस में जो लोग आपके साथ दौड़ नहीं सकते, वो अक्सर आपकी टांग खींच कर आपकों गिराने की कोशिश करते हैं।
कभी-कभी बड़ी कामयाबी के लिए छोटी-छोटी इच्छाओं से हारना पड़ता है।
पीठ पीछे बात करने वाले, सबसे बड़े ईमानदार होते हैं, बिना सैलरी लिए ही, अपना काम करते रहते हैं।